साइबर सैनिक की बढ़ रही है मांग – DSCI और Kyndryl का “Cyber Sainik” कार्यक्रम
भारत सरकार डिजिटल इंडिया अभियान को तेजी से आगे बढ़ा रही है, जिसके लिए साइबर सुरक्षा जागरूकता और दक्ष कर्मचारियों की अहम भूमिका है. इसी कड़ी में, डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (DSCI) और Kyndryl ने मिलकर एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम “Cyber Sainik” की शुरुआत की है. इस कार्यक्रम के तहत आने वाले तीन वर्षों में पूरे भारत में 25,000 स्कूली छात्रों को साइबर सुरक्षा (Cyber Security) के क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा.
स्कूली छात्रों को साइबर सुरक्षा का कवच प्रदान करेगा Cyber Sainik कार्यक्रम
आज के समय इंटरनेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. स्कूली छात्र भी ऑनलाइन क्लासेज, सोशल मीडिया और मनोरंजन के लिए इंटरनेट का खूब इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इंटरनेट की दुनिया साइबर अपराधियों (Cyber Criminals) से भी भरी पड़ी है. साइबरबुलिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, मैलवेयर और डेटा चोरी जैसे खतरों से बचाने के लिए स्कूली छात्रों को साइबर सुरक्षा का बुनियादी ज्ञान होना बेहद जरूरी है. “Cyber Sainik” कार्यक्रम इसी उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
यह कार्यक्रम स्कूल के 6वीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों को लक्षित कर रहा है. कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को साइबर खतरों (Cyber Threats) को पहचानना, उनसे बचाव करना और सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार अपनाना सिखाया जाएगा.
क्या सिखाएगा Cyber Sainik कार्यक्रम?
- साइबर खतरों को पहचानना: कार्यक्रम छात्रों को फिशिंग ईमेल, मैलवेयर, सोशल इंजीनियरिंग और अन्य साइबर धोखाधड़ी को पहचानने का हुनर सिखाएगा.
- पासवर्ड सुरक्षा: मजबूत पासवर्ड बनाने और उन्हें सुरक्षित रखने के तरीके बताए जाएंगे.
- ऑनलाइन गोपनीयता: सोशल मीडिया पर साझा की जाने वाली जानकारी से जुड़े खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जाएगी.
- साइबरबुलिंग से बचाव: साइबरबुलिंग से कैसे निपटें और इसकी रिपोर्ट कैसे करें, इस पर मार्गदर्शन दिया जाएगा.
- एथिकल हैकिंग की बुनियादी बातें: छात्रों को ethical hacking की शुरुआती जानकारी दी जा सकती है, ताकि उन्हें यह पता चले कि साइबर अपराधी सिस्टम में सेंध लगाने के लिए किन तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.
जॉब मार्केट के लिए भी फायदेमंद साबित होगा Cyber Sainik
साइबर सिक्योरिटी एक तेजी से बढ़ता हुआ क्षेत्र है, जहां कुशल पेशेवरों की भारी मांग है. “Cyber Sainik” कार्यक्रम छात्रों को ना सिर्फ खुद को सुरक्षित रखना सिखाएगा, बल्कि उन्हें भविष्य में साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए भी प्रेरित करेगा. कार्यक्रम पूरा करने वाले छात्रों को DSCI और Kyndryl की तरफ से संयुक्त प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. यह प्रमाण पत्र उनके रिज्यूमे में वैल्यू एड करेगा और जॉब मार्केट में उन्हें बेहतर अवसर प्राप्त करने में मदद करेगा.
हाल ही में हुए एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में साइबर सुरक्षा घटनाओं की संख्या वैश्विक औसत से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ रही है. 2020 से 2022 के बीच सिर्फ तीन सालों में भारत में 13 लाख से ज्यादा साइबर सुरक्षा घटनाएं सामने आई हैं.वहीं, दूसरी तरफ, इंडस्ट्री का अनुमान है कि साइबर सिक्योरिटी स्किल्स की कमी के चलते करीब 30% पद खाली पड़े हुए हैं.
उद्योग जगत के संगठनों को कुशल साइबर सुरक्षा पेशेवरों की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है. DSCI और Kyndryl का मानना है कि “Cyber Sainik” कार्यक्रम ना सिर्फ छात्रों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाएगा, बल्कि इससे देश में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की कमी को भी दूर करने में मदद मिलेगी.
साइबर सैनिक कार्यक्रम में कैसे भाग लें ?
“Cyber Sainik” कार्यक्रम के बारे में अधिक जानकारी और कार्यक्रम में शामिल होने की प्रक्रिया के बारे में फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. उम्मीद की जाती है कि DSCI और Kyndryl जल्द ही कार्यक्रम की वेबसाइट या किसी रजिस्ट्रेशन पोर्टल को लॉन्च करेंगे. आप DSCI (https://www.dsci.in/) और Kyndryl (https://www.kyndryl.com/in/en) की आधिकारिक वेबसाइटों पर नज़र रखें और कार्यक्रम से जुड़े अपडेट्स प्राप्त करें.