छत्तीसगढ़ पुलिस ने इंटरनेशनल साइबर ठगी गिरोह का किया भंडाफोड़, ₹10 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा
 
                राजनांदगांव: छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसने ‘म्यूल’ बैंक खातों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीब ₹10 करोड़ की धोखाधड़ी की। पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी नौकरी और निवेश घोटालों में शामिल थे।
कैसे हुआ गिरोह का खुलासा?
राजनांदगांव के एक नागरिक ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके बैंक खाते का उपयोग साइबर ठगी के लिए किया गया था। पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह गुजरात और छत्तीसगढ़ के लोगों से मिलकर बना था और हवाला व क्रिप्टोकरंसी के जरिए ठगी की रकम को अंतरराष्ट्रीय ठगों तक पहुंचाता था।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में वलसाड (गुजरात) के प्रेरणक कुमार सांघवी और राजनांदगांव के आशुतोष शर्मा, शुभम तिवारी और दीपक नरेड शामिल हैं।
कैसे करते थे ठगी?
गिरोह के सदस्य भोले-भाले लोगों को फर्जी नौकरी और निवेश योजनाओं का झांसा देकर उनके बैंक खातों का उपयोग करते थे। इन खातों को ‘म्यूल अकाउंट’ कहा जाता है, जिनका इस्तेमाल हवाला और क्रिप्टोकरंसी के जरिए पैसे को अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क तक पहुंचाने के लिए किया जाता था।
छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई
राजनांदगांव पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए गिरोह के सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया और साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज किया है।
साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानियां
- फर्जी नौकरी के ऑफर्स से बचें – ऑनलाइन नौकरी के नाम पर कोई भी पैसा न दें।
- अनजान बैंक लेन-देन से बचें – किसी को भी अपना बैंक खाता या जानकारी न दें।
- क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते समय सतर्क रहें – ठगी के कई मामले क्रिप्टोकरंसी के जरिए हो रहे हैं।
- संदिग्ध लेन-देन पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ पुलिस की इस कार्रवाई से एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का खुलासा हुआ है। यह घटना बताती है कि साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, इसलिए आम नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की जरूरत है।
अगर आपको भी कोई संदेहास्पद कॉल या लेन-देन की जानकारी मिले, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।

 
                         
                 
                 
                